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Nation’s Only Women’s University offering Homoeopathy programs wishing you all "A Very Happy World's Homeopathy Day"

ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय ने मनाया "विश्व होमियोपैथी दिवस"

ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय में ​​​​फैकल्टी ऑफ़ होम्योपैथिक साइंस के तत्त्वाधान "विश्व होमियोपैथी दिवस" के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह दिवस डॉ. सैमुएल हैनिमैन के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। डॉ. सैमुएल हैनिमैन का जन्म २६२ वर्षों पूर्व, १० अप्रैल १७५५, जर्मनी में हुआ था, डॉ. हैनिमैन को होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति का जनक माना गया है।

"विश्व होमियोपैथी दिवस" के अवसर पर कार्यक्रम का उद्धघाटन विश्वविद्यालय की चेयरपर्सन जे.वी.एन विदुषी गर्ग ने ​दीप ​प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर विश्व होमियोपैथी दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि​,​ जयपुर ​के प्रसिद्द होमियोपैथ डॉ. ए. के. लाडूंना थे। विश्वविद्यालय की चेयरपर्सन जे.वी.एन विदुषी गर्ग ने मुख्य अतिथि का स्वागत फूलों के गुलदस्ते और तामपत्र देकर किया। इससे पहले विश्वविद्यालय की चेयरपर्सन जे.वी.एन विदुषी गर्ग जी का सम्मान विश्वविद्यालय की वाईस चांसलर और फैकल्टी ऑफ़ होम्योपैथिक साइंस की डीन जे.वी.एन डॉ. योगेश्वरी गुप्ता ने गुलदस्ते देकर किया।

अपने उद्बोधन में​ ​​कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, ​​डॉ. ए. के. लाडूंना​ ​ने होमियोपैथी पर प्रकाश ​डालते हुए कहा कि छात्राओं को एक अच्छे होमियोपैथ बनने के लिए देश विदेश में हो रहे अनुसंधानों पर पैनी नज़र बनाये रखने को कहा। इसके अलावा उन्होंने होमियोपैथी क्षेत्र में हो रहे शोध के बारे में भी छात्राओं से अपने अनुभव साझा किये और साथ ही साथ होमियोपैथी के क्षेत्र में हो रही प्रगति के बारे में बताया। उन्होंने छात्राओं द्वारा डॉ. सैमुएल हैनिमैन पर पर बनायी गयी पॉवर पॉइंट की विशेष प्रशंसा की।

विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं सलाहाकार जे.वी.एन डॉ. पंकज गर्ग ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि," ​होमियोपैथी की छात्राओं को बिना किसी स्वार्थ के होमियोपैथी की चिकित्सा पद्धिति को लोगो के बीच पहुंचाना चाहिए। उन्होंने छात्राओं को नंबर एक या नंबर दो की रेस से अपने को दूर रखते हुए अपनी क्षमतानुसार आगे बढ़ते रहने को प्रेरित किया। उन्होंने अपने उद्धबोधन में विश्वविद्यालय द्वारा होमियोपैथी डिपार्टमेंट में अब तक किये हुए प्रयासों के बारे में बताया और साथ ही भावी योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने छात्राओं को यह भी कहा की उन्हें होमियोपैथी के पारंपरिक उपचार की पद्धत्तियों को नहीं भूलना चाहिए, क्यूंकि होमियोपैथी में रोगों के उपचार में सफलता सिर्फ उसकी जड़ तक जाकर ही की जा सकती है"।

विश्व होमियोपैथी दिवस के अवसर पर ​​​​फैकल्टी ऑफ़ होम्योपैथिक साइंस की छात्राओं ने कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी दी। छात्राओं के अलावा ​​​फैकल्टी ऑफ़ होम्योपैथिक साइंस की डीन डॉ. योगेश्वरी गुप्ता के साथ साथ होमियोपैथी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और अन्य अध्यापक गण भी मौजूद थे।

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